यह कार्यक्रम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित कविता ध्वनि पर आधारित है, इसमें मानव को उसकी शक्ति का अहसास दिलाने के लिए उसकी युवावस्था की तुलना वसंत ऋतु से की गई है।
कहानी, कविता आदि पढ़कर लेखन के विविध तरीकों और शैलियों को पहचानते हैं, जैसे- वर्णनात्मक, विवरणात्मक, भावात्मक, प्रकृति चित्रण आदि।भाषा की बारीकियों/ व्यवस्था का लिखित प्रयोग करते हैं, जैसे- कविता के शब्दों को बदलकर अर्थ और लाए को समझना|
ध्वनि 02: