इस कार्यक्रम में संस्कृत भाषा में समवायो हि दुर्जय नामक कहानी प्रस्तुत की गई है। इस कहानी में एक गोरैया, कठफोड़वा, मेढ़क और एक मक्खी एक जंगल में मिलजुलकर रहते हैं।
अपने परिवेश में मौजूद लोक कथाओं के बारे में चर्चा करते हैं और उनकी सराहना करते हैं।देखी गई और पढ़ी गई सामग्री पर चिंतन करते हुए बेहतर समझ के लिए प्रश्न पूछते हैं /परिचर्चा करते हैं|
समवायो हि: दुर्जय: