ये काय्रक्रम पाठ्यपुस्तक में संकलित जयशंकर प्रसाद की कविता "कार्नेलिया के गीत" पर चर्चा करता है। "कार्नेलिया का गीत" एक नाटक चंद्रगुप्त से लिया गया है। ये नाटक ऐतिहासिक तौर से काफी महत्वपूर्ण रहा है; इसी सन्दर्भ में इस गीत का प्रकाशन किया गया है।
विविध साहित्यिक विधाओं के अंतर को समझते हुए उनके स्वरूप का विश्लेषण निरूपण करते हैं।पाठ्यपुस्तकों में शामिल रचनाओं के अतिरिक्त अन्य कविता, कहानी, एकांकी को पढ़ते- लिखते और मंचन करते हैं।
कार्नेलिया का गीत: