इस कार्यक्रम के द्वारा यह बताया गया है कि मनुष्य की जीवन शैली ऐसी हो कि उसके द्वारा दूसरों को सुख और चैन मिले. सदाचारी और सहयोगी जीवन से अनेक अन्य जीवन बदल जाते हैं और सुमार्ग पर चलते हैं .
भाषा की बारीकियों/ व्यवस्था तथा नए शब्दों का प्रयोग करते हैं, जैसे- किसी कविता में प्रयुक्त शब्द विशेष, पदबंध का प्रयोग आप बढ़ते हैं यह तो बढ़ते ही चले जाते हैं या जल- रेल जैसे प्रयोग।हिंदी भाषा में विभिन्न प्रकार की सामग्री (समाचार- पत्र/ पत्रिका, कहानी जानकारीपरक सामग्री, इंटरनेट प्रकाशित होने वाली सामग्री आदि) को समझकर पढ़ते हैं और उनमें अपनी पसंद- नापसंद के पक्ष में लिखित या ब्रेल भाषा में अपने तर्क रखते हैं।
जीवन शैली कैसी हो: