यह कार्यक्रम महात्मा बुद्ध कालीन एक प्रसिद्द घटना का नाट्य प्रस्तुतीकरण है जिसमे अंगुलीमाल नामक हिंसक एवं क्रूर डाकू हिंसा छोड़कर महात्मा बुद्ध का अनुयायी बन जाता है .
सुनी, देखी गई बातों जैसे- स्थानीय सामाजिक घटनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों पर बेझिझक बात करते हैं और प्रश्न करते हैं।किसी पाठ्यवस्तु की बारीकी से जांच करते हुए उसमें किसी विशेष बिंदु को खोजते हैं, अनुमान लगाते हैं, निष्कर्ष निकालते हैं।नए शब्दों के प्रति जिज्ञासा व्यक्त करते हैं और उनके अर्थ समझने के लिए शब्दकोश का प्रयोग करते हैं।
अंगुलीमाल डाकू: